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लेखनी प्रतियोगिता -06-May-2023


बर्बादियों से टूटकर
सच्चाइयों से छूटकर
वो कौन है जिसका हृदय रोता नहीं
कर्तव्य का पथ बंद पर होता नहीं।

माना विकट हालात हैं
बस हार अपने साथ है
दिन का उजाला छीनकर
किस्मत ने भेजी रात है
पर वीर अपना हौसला खोता नहीं
कर्तव्य का पथ बंद तो होता नहीं ।

क्यो रुक गए हो हार कर
इच्छाएं अपनी मारकर
उस पार किस्मत है खड़ी
चल मुश्किलों को पार कर
योद्धा तो आंसू की फसल बोता नहीं
कर्तव्य का पथ बंद भी होता नहीं।


जो ठान ले तो जीत है
ये वेदना भी गीत है
कर्तव्य पथ पर चल पड़े
ये ही समय की रीत है
एक कर्मयोगी कभी भी सोता नहीं
कर्तव्य का पथ बंद ये होता नहीं।





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6 Comments

अदिति झा

07-May-2023 07:36 PM

Nice 👍🏼

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kashish

07-May-2023 01:42 PM

very nice

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Punam verma

07-May-2023 09:23 AM

Very nice

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